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एक किस्सा है की रूस(जहाँ धर्म को कम मानते है ) से एक यात्री भारत भ्रमण पर आया .उसने जब यहाँ हालात देखे की हर कोई लूट -खसोट में लगा है ,बलात्कार ,अत्याचार ,हत्या ,देश विरोधी अपराध आदि चरम पर है तो उसका भी भगवान् पर विश्वास हो गया |उसने अपने देश जा कर बताया की भाईओं में आस्तिक हो गया हूँ ,क्यों की अगर कोई अद्रश्य शक्ति नहीं है तो भारत को कौन चला रहा है इतने भ्रस्ताचार के बावजूद देश आगे बढ़ रहा है ,ये तो भगवान् की ही माया है |ये ही बात इस सरकार पर FIT बैठती है ,प.म कहते हैं में लोकपाल के दाएरे में आने को तय्यार हूँ ,आदेश होता है_ नहीं , प.म खामोश हो जाते हैं ,रामलीला मैदान में सोते लोगों पर बर्बरता से लाठी ,आंसू GAS चलाई जाती है प.म को पता नहीं होता , २ज्ञी घोटाला हुआ ,कामनवेल्थ घोटला हुआ ,इतने सुप्रीम कोर्ट ने डंडा नहीं चलाया प.म को पता ही नहीं चला |अद्रश्य शक्ति जो न कराय कम है ,मीठा -मीठा उसके हिस्से -कड़वा- कड़वा मनमोहन जी के हिस्से ये घपले घोटाले ,स्विस अकौंट ,काला धनं ,देशभक्तों का उत्पीडन किसी अद्रश्य शक्ति द्वारा ही संचालित ,व् ,सर्जित हो रहा है हमारे प.म तो उन के दोषों को अपने सर लेकर अद्रश्य शक्ति का अहसान उतार रहें हैं
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