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बटाला हाउस एन्कोउन्टर के बाद कांग्रेस के नेताओ ने दिल्ली पुलिस को इतने दबाव में ले लिया है की वो अब बिलकुल स्वामिभक्ति की मुद्रा में आ gayi है .तीन साल से सो रही थी ,सुप्रीम कोर्ट के हड्काने पर जागी तो मुक़दमा शुरू नहीं हुआ अपने आकाओ को क्लीन चिट दे दी | अब ये नेता मुंबई पुलिस को भी इसी रास्ते पर ला रहे हैं ,जांच शुरू नहीं हुई की पहले ही उन्हें इशारा कर दिया की ब्लास्ट में आर.एस एस का हाथ हो सकता है अब कैसे कोई सरकारी सेवक असली गुनाहगारों को पकडे ,राजकुमार ने भी कहा की सब हमले रोकना बस में नहीं है ,तो सरकारी सेवक अपने हुक्मरानों के वोट बैंक का ध्यान करे या जनता का ?
दिल्ली पुलिस के तो क्या कहने,दिन दहाड़े लड़कियों व् महिलाओं के अपहरण ,छीना झपटी ,आदि अपराध बढ़ रहे हैं लेकिन अपने आकाओं को खुश करने के लिए बेचारो को raat के २ बजे भी कानून व्यवस्था लागू करवाने के लिए लाठी चार्ज करना पड़ता है इसमें गलती दिल्ली पुलिस की नहीं है वो भी मजबूर है ,क्या करें नौकरी भी तो करनी है दुःख तो आज इस बात का है की सत्ता में शामिल लोग आज पुलिस ही नहीं सब संवेधानिक संस्थाओ को बौना बना रहे है |
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